धर्म-कर्म वाराणसी 

सोरहिया मेला का भव्य समापन: भगवती श्री संतानलक्ष्मी की आराधना से हुई दिव्य अनुभूति

अभिषेक त्रिपाठी

वाराणसी: सोरहिया मेला, जो आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम है, का भव्य समापन आज भगवती श्री संतानलक्ष्मी जीवित्पुत्रिका माता व्रत पूजा के साथ हुआ। यह मेले का आयोजन वाराणसी के लक्सा स्थित भगवती महालक्ष्मी मंदिर में 16 दिनों तक चलता है, और इसे श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाया जाता है।

महंत अवशेष पांडेय (कल्लू महाराज) ने बताया कि आज के दिन विशेष रूप से महिलाएं भगवती का दर्शन एवं पूजन करती हैं, साथ ही कथा सुनकर बिना नमक का व्रत रखती हैं। मान्यता है कि जो भक्त संतान लक्ष्मी के इस विशेष अवसर पर पूजा अर्चना करता है, भगवती उनके परिवार का कल्याण करती हैं, संतान की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं।

सोरहिया मेले में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, और इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली। शासन और प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भरपूर सहयोग प्रदान किया, ताकि दर्शन और पूजा में कोई कठिनाई न हो। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।

भगवती संतानलक्ष्मी के आशीर्वाद से इस मेले ने सभी को एक नई ऊर्जा और संजीवनी प्रदान की है, जिससे भक्तों का हृदय भक्ति और प्रेम से भर गया। इस तरह, सोरहिया मेला एक बार फिर से आस्था, उल्लास और परंपरा के रंगों से सराबोर हो गया।

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