एनसीसी कैडेट्स का ऐतिहासिक अभियान: गंगा के रास्ते कोलकाता तक पहुंचेंगे, देशभक्ति और वीरता का संदेश देंगे
चौबेपुर, वाराणसी: एनसीसी के कैडेट्स ने गंगा नदी के किनारे से कोलकाता तक के ऐतिहासिक नौकायन अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल गंगा नदी के महत्व को उजागर करना है, बल्कि देशवासियों को अपनी संस्कृति और सभ्यता की जड़ों से जोड़ते हुए देशभक्ति और वीरता के प्रति जागरूक करना भी है।
यह अभियान 22 अक्टूबर को गंगा बैराज कानपुर के अटल घाट से शुरू हुआ था और अब कैथी के मार्कण्डेय महादेव घाट से अगले चरण की शुरुआत करते हुए कोलकाता की ओर बढ़ेगा। इस अभियान में भाग लेने वाले एनसीसी के 528 कैडेट्स, जो भारतीय नदियों के महत्व और उनकी ऐतिहासिक भूमिका को समझते हुए, विभिन्न क्षेत्रों में रुककर बच्चों और युवाओं को प्रेरक कहानियां सुनाएंगे और उन्हें देशप्रेम के महत्व से परिचित कराएंगे।
एनसीसी के महानिदेशक के तत्वावधान में शुरू हुआ यह अभियान “भारतीय नदियाँ – संस्कृतियों की जननी” विषय पर आधारित है, जिसका उद्देश्य भारत की नदियों द्वारा सभ्यता को पोषित करने की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है। अभियान के अंतर्गत, कैडेट्स पवित्र गंगा नदी से होते हुए प्रयागराज, वाराणसी, बिहार के बक्सर और पटना होते हुए पश्चिम बंगाल में फरक्का बैराज तक पहुंचेंगे।
इस ऐतिहासिक अभियान के माध्यम से देशवासियों को गंगा नदी की सुरक्षा और संरक्षण की आवश्यकता के बारे में भी जागरूक किया जाएगा, जो ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है। कैडेट्स का यह अभियान 25 दिसंबर 2024 को कोलकाता के मैन ओ’ वॉर जेट्टी पर समाप्त होगा, जिसमें 45 नौकायन दिनों में 1605 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी।
इस दौरान, अभियान के मार्ग में रुकते हुए कैडेट्स स्थानीय लोगों को पर्यावरण संरक्षण और जल संसाधनों की सुरक्षा के बारे में भी जागरूक करेंगे। डीजी एनसीसी इस अभियान की प्रगति की समीक्षा करते हुए कैडेट्स से बातचीत करेंगे और उन्हें प्रोत्साहित करेंगे, ताकि वे अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सफल हों।