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उत्तराखंड सरकार भूमि कानूनों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध: वन मंत्री सुबोध उनियाल

उत्तराखंड सरकार भूमि कानून में सुधार के लिए आपके राज्य में भूमि के कानून को सुधारने और आप लोगों की समस्याओं का हल निकालने के लिए पूरे तरह से तैयार है राज्य के वन मंत्री ने कहा है की भूमि के कानून में जरूरी संशोधन ला करके जन सुविधा को और बढ़ावा दिया जाएगा सरकार का लक्ष्य यह है कि जितने भी राज्य के जितने भी लोग हैं वो भूमि से जुड़े मुद्दों में आसानी से महसूस करें और विकास के लिए नए रास्ते खुलेंगे वन मंत्री ने यह भी बताया है कि सरकार आपके जनहित को सबसे ऊपर रखते हुए इन सुधार को लागू करेगी जिससे कि सबको लाभ मिलेगा।

उत्तराखंड सरकार भूमि कानून से जरूरी बाते

  • आपके राज्य मैं जीतने में मौजूद कानून है उनकी समीक्षा और सुधार किया जाएगा।
  • गांव क्षेत्र के विकास को पहले दर्जा दिया जाएगा।
  • पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ विकास का भी संतुलन बनाए रखा जाएगा।
  • आप सब किसानों के हित की रक्षा के लिए कानून को बनाया जाएगा।

आपके Bhulekh Uttarakhand से जुडी समस्याओं के समाधान हेतु राज्य सरकार ने भूमि से जुड़े कानूनों में जरूरी सुधार करने की पूरी तैयारी में है ताकि आम जनता को अधिक लाभ पहुंचाया जा सके। यदि आप अपने भूमि से सम्बंधित डिटेल्स को जानना चाहते हैं तो आप प्लेस्टोर से Bhulekh Uttarakhand App डाउनलोड कर सकते हैं। वन मंत्री के अनुसार इन सुधारों का मकसद विकास को रफ्तार देना और स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करना है। सरकार भूमि से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से सुलझाने पर काम कर रही है और इसमें जनता की सक्रिय भागीदारी को भी सुनिश्चित करेगी। इन बदलावों से भूमि के इस्तेमाल को आसान और ज्यादा खुलापन बनाया जाएगा।

भूमि अधिग्रहण पर सरकार का कड़ा रुख

उत्तराखंड सरकार ने भूमि कानूनों में बदलाव को लेकर अपनी गंभीरता दिखाई है। राज्य के वन मंत्री ने हाल ही में बताया कि मुख्यमंत्री की देखरेख में सरकार ने भूमि अधिग्रहण और उसके गलत इस्तेमाल को रोकने का सख्त संकल्प लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग भूमि खरीदकर उसे तय उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं करते उनके खिलाफ कड़ी कारवाही की जाएगी।

यह कदम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि राज्य में भूमि का गलत तरीके से इस्तेमाल ना हो सके जो भी लोग अपने जमीन खरीदे हैं उसका इस्तेमाल नियम के अनुसार नहीं कर रहे हैं तो उनकी जमीन सरकार के जरिए जप्त की जा सकती है यह एक स्पष्ट रूप से संदेश दिया गया है कि राज्य के सरकार भूमि के लेनदेन को शक्ति से नियंत्रित करने के लिए तैयार है।

भूमि अधिग्रहण की सीमा और सरकार की सख्ती

वन मंत्री ने यह भी बताया है कि सरकार उसे परिवार पर भी नजर रख रही है जिसने भूमि अधिग्रहण की 250 वर्ग मीटर की सीमा को पार कर लिया है इस नियम का उल्लंघन करने वालों की जो संपत्ति है उसको भी सरकार जप्त करने का अधिकार रखती है यह सुनिश्चित करने के लिए एक जरूरी कदम है की भूमि का सही वितरण हो और इसका इस्तेमाल राज्य की भलाई के लिए ही किया जा सके।

राज्य सरकार इस पहल का उद्देश्य यह है कि राज्य की भूमि बाहरी लोग या फिर ऐसे लोग के हाथ में न जाए जो कि इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं भूमि के अधिग्रहण की सीमा को तय करने से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा की भूमि का मालिकाना हक है स्थानीय निवासियों के पास ही रहे और इसका सही तरीके से इस्तेमाल भी हो सके।

लोगों से अपील: पुश्तैनी जमीन को बेचना नहीं चाहिए

मंत्री ने राज्य के नागरिकों से अपील करते हुए यह कहा है कि आप अपने पुश्तैनी जमीन को सुरक्षित करें और उसे बेचना नहीं चाहिए उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य के लोगो को अपनी जमीन की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सरकार के इस पल में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए सरकार का प्रथम उद्देश्य यह है कि आपका उत्तराखंड में आप लोग की जमीन पर बाहरी लोग का दबाव या फिर लालच में आकर के ना बेचे जिससे कि आपकी जमीन का गलत इस्तेमाल हो सकता है।

वन के मंत्री ने अभी कहा है कि सरकार जनता की भावनाओं को और चिताओं को ध्यान में रखते हुए भूमि के कानून में संशोधन करेंगे उन्होंने अभी कहा है की भूमि के कानून संशोधन मैं कोई भी हिचकिचाहट नहीं होगी इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार आपके भविष्य में भूमि से जुड़े कानून को और सख्त बनाने के लिए तैयार है ताकि राज्य के जितने भी नागरिक है उनके अधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

नए भूमि कानूनों का मसौदा तैयार

मुख्यमंत्री ने कुछ समय पहले ही भूमि कानून के सख्त क्रिया नारायण के लिए आदेश दिया है राज्य के सरकार बजट सत्र में इन कानून को लागू करने की योजना को बना रही है इस संदर्भ में एक समिति का गठन किया गया है जिससे कि अध्यक्षता मुख्य सचिव राधा रतूड़ी कर रही है इसके अलावा समिति भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं जो कि वर्तमान में जनता के सुझाव को एकत्र कर रहे हैं और नए भूमि के कानून का मनसौदा भी तैयार कर रहे हैं।

यह समिति राज्य के अलग-अलग हिस्से में जाकर के आप लोग से आपकी राय और सुझाव को सुन रहे हैं इसका उद्देश्य यह है की भूमि के कानून में ऐसा संशोधन किया जाए जो कि राज्य के निवासियों के हित के अनुरूप हो और आपकी चिताओं का समाधान कर सके सरकार का या प्रयास है की भूमि से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान निकाला जाए और आप लोग का अधिकार सुरक्षित रहे।

भूमि उपयोग और उसके नियमन का उद्देश्य

आपके उत्तराखंड सरकार का यह कदम केवल भूमि की सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका प्रथम उद्देश्य आपके भूमि का सही इस्तेमाल और नियम को सुनिश्चित करना है जो भी भूमि का सही तरीके से इस्तेमाल नही करने वाले व्यक्ति हैं या फिर संगठन तो उस पर पर सख्ती से नजर रखी जा रही है इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा की राज्य की जो भूमि है उसका इस्तेमाल राज्य के विकास और वहां के रहने वाले लोगों के हित में ही किया जाएगा।

भूमि के कानून में सुधार से यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य में जितने भी भूमि माफियाओ है पर लगाम लगे है और गलत तरीके से भूमि के लेनदेन पर रोक लगेगी साथ ही बाहरी लोगों के जरिए अनियंत्रित तरीके से जमीन को खरीदने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगा दी जाएगी इससे स्थानीय लोगों को उनकी जमीन से बेदखल होने का डर भी नहीं रहेगा और वह अपने भूमि को सही तरीके से सुरक्षित रख सकेंगे

भूमि कानूनों में संशोधन के प्रति सरकार की गंभीरता

वन के मंत्री ने यह भी बताया है कि राज्य के सरकार भूमि के कानून में जरूरी संशोधन करने के लिए पूरे तरह से तैयार है उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार जनता के भावनाओं के अनुसार भूमि के कानून में बदलाव करने में कोई भी है हिचकिचाहट नहीं करेगा इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार का उद्देश्य लोगों के अधिकारों की सुरक्षा को करते हुए भूमि के सही इस्तेमाल को सुनिश्चित करना है।

राज्य सरकार के इस नई पहल का प्रथम उद्देश्य यह है की भूमि के कानून को आसान और प्रभावी बनाया जाए ताकि वह राज्य के निवासियों के हित को संरक्षित कर सके वन के मंत्री ने भी यह कहा है कि भविष्य भूमि कानून में नागरिकों के अधिकारों की पूरी तरह से रक्षा की जाएगी और उनका सम्मान भी किया जाएगा।

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