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आधुनिक होते गांव: लुप्त हो रही परंपराएं, गायब हो रहा कुआं

सतीश कुमार

गांव आजकल

गांवों में पानी पीने के कुएं तेजी से गायब हो रहे हैं। यह परंपरा जो सदियों से चली आ रही थी, अब लुप्त होती जा रही है। गांव के लोगों का कहना है कि कुएं के गायब होने से उनकी परंपराएं और संस्कृति भी खतरे में पड़ रही है।

गांव के कुएं पर एकत्र होते थे लोग

गांवों में कुएं न केवल पानी पीने के लिए उपयोग किए जाते थे, बल्कि ये सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखते थे। गांव के लोग कुएं पर एकत्र होते थे और सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते थे।

क्या कहते हैं गांव के लोग?

गांव के लोगों का कहना है कि सरकार को कुएं के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए कदम उठाने चाहिए। गांव के एक बुजुर्ग ने कहा, “कुएं हमारी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा हैं। इनके गायब होने से हमारी पहचान खतरे में पड़ रही है।”

लेकिन गांव के लोगों का कहना है कि सरकार को और अधिक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा, “सरकार को कुएं के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए और अधिक कदम उठाने चाहिए।”

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