पितृपक्ष में क्या नहीं करना चाहिए: धार्मिक आस्था और सावधानियां, इन गलतियों को बिल्कुल मत करिएगा
नई दिल्ली: पितृपक्ष, जिसे ‘श्राद्ध पक्ष’ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में आत्माओं को सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक महत्वपूर्ण समय है। इस अवधि के दौरान कुछ विशेष सावधानियों का पालन करना आवश्यक है, ताकि श्रद्धा और आस्था बनी रहे। जानिए, पितृपक्ष में क्या नहीं करना चाहिए:
- मांस और शराब का सेवन: इस पवित्र समय में मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। यह माना जाता है कि इससे आत्माओं को ठेस पहुँचती है।
- दूसरों की भावनाओं का अनादर: पितृपक्ष के दौरान, दूसरों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है। किसी भी तरह की अपमानजनक टिप्पणी या आचरण से बचना चाहिए।
- दूसरों के साथ झगड़ा: इस समय शांति और सद्भावना बनाए रखना महत्वपूर्ण है। झगड़े या विवादों से दूर रहना चाहिए।
- खुद को नकारात्मकता में डूबने देना: पितृपक्ष के दौरान सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखना जरूरी है। नकारात्मक सोच और ऊर्जा से दूर रहना चाहिए।
- श्राद्ध कर्म को हल्के में लेना: पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म को गंभीरता से करना चाहिए। इसे हल्के में लेना आत्माओं के प्रति अनादर माना जाता है।
पितृपक्ष का समय हमारे पूर्वजों को सम्मान देने और उनकी आत्मा की शांति के लिए समर्पित है। इन सावधानियों का पालन करके हम इस धार्मिक अनुष्ठान की गरिमा को बनाए रख सकते हैं।