अमृत इंटर्नशिप कार्यक्रम: कृषि तकनीकी में प्रशिक्षित होंगे युवा
मिर्जामुराद, वाराणसी: देश के युवाओं को कृषि क्षेत्र में रोजगार और तकनीकी दक्षता प्रदान करने के उद्देश्य से इंडियन पोटाश लिमिटेड (आई.पी.एल.) के सी.एस.आर. फंड से वित्तपोषित आई.पी.एल. फाउंडेशन और आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, वाराणसी के सहयोग से “अमृत इंटर्नशिप” कार्यक्रम का उद्घाटन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में चार राज्यों के 20 जिलों से आए 72 छात्रों का पंजीकरण हुआ। पंजीकृत छात्रों को निःशुल्क ‘अमृत कीट’ भी वितरित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अपर निदेशक प्रसार, डॉ. राम रतन सिंह ने स्वागत संबोधन दिया। उन्होंने केंद्र की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। प्रबंध समिति के सदस्य शैलेन्द्र रघुवंशी ने औद्यानिक फसलों द्वारा कृषि आय बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि अमृत इंटर्न के माध्यम से किसान भाइयों को तकनीकी सहायता प्राप्त होगी।
आई.पी.एल. के सेल्स ऑफिसर लोकेंद्र प्रताप सिंह ने कंपनी के विभिन्न क्रियाकलापों की जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी और आई.पी.एल. के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. राजीव रंजन ने छात्रों को खाद्यान्न की गुणवत्ता पर ध्यान देने और सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों पर जोर देने की सलाह दी। उन्होंने कम पानी में उगने वाली फसल प्रजातियों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम में जी.आई. एक्सपर्ट और पद्मश्री से सम्मानित डॉ. रजनीकांत ने जी.आई. (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बनारसी पान, लंगड़ा आम और बनारसी मिर्च को जी.आई. मान्यता मिलने से किसानों को नई पहचान मिली है।
मुख्य अतिथि, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक डॉ. मंगला राय ने छात्रों से कृषि संबंधी जानकारी को अपनी दक्षता में बदलने और नई तकनीकों का इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने जल संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम के अंत में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने छात्रों को चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा दी और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि हाल ही में विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन में A++ ग्रेड हासिल किया है।
तकनीकी सत्र में आई.पी.एल. फाउंडेशन के मेंटर ऋषिपाल सिंह ने सरकार की विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी। इस इंटर्नशिप कार्यक्रम के समन्वयक, डॉ. राहुल कुमार सिंह ने बताया कि तीन महीने की इस इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को कृषि तकनीकी के बारे में सिखाया जाएगा और उन्हें मासिक रूप से छह हजार रुपए का भत्ता भी दिया जाएगा।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी अधिकारी, डॉक्टर नवीन सिंह, वैज्ञानिक डॉक्टर मनीष पांडेय और जिला उद्यान अधिकारी सुभाष कुमार समेत 100 से अधिक लोगों ने भाग लिया।