बिन मांगे मशवरा: सलाह का सैलाब और बेहाल जिंदगी, इस तरह के ज्ञानदूत आपको भी मिले क्या?
व्यंग्य दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं- एक जो सलाह लेने के लिए पूछते हैं, और दूसरे जो बिना पूछे ही सलाह देने का ठेका उठाए रहते हैं। अब, इन बिन मांगे मशवरा देने वालों का मकसद भले ही नेक हो, लेकिन उनकी “नेकदिली” अकसर दूसरों की शांति और धैर्य को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। शुरुआत घर से होती है सबसे पहले तो घर में ही आपकी मां कहेंगी, “तुम्हें देखो, जैसे दिनभर फोन में घुसे रहते हो, वैसे पड़ोस का शर्मा जी का बेटा…
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