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वाराणसी: जोशी ब्राह्मण संघ ने मां गंगा का 51 लीटर दूध से अभिषेक किया

वाराणसी: हर साल की तरह इस वर्ष भी श्री जोशी ब्राह्मण संघ ने शरद पूर्णिमा के अवसर पर मां गंगा का 51 लीटर दूध से अभिषेक किया। इस विशेष पूजा में 5 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मां गंगा की आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संघ के सदस्यों ने मां गंगा से देश और समाज के कल्याण की प्रार्थना की। संघ के महामंत्री शंकर पाण्डेय ने बताया कि यह आयोजन देश और समाज की भलाई के लिए किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक…

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शहीदों की स्मृति में जले आकाशदीप: मां गंगा का षोडशोपचार पूजन, काशी के नभमंडल को आलोकित किया गया

वाराणसी: गंगा तट पर गुरुवार की शाम शहीदों की स्मृति में बांस की टोकरियों में आकाशदीप जलाकर काशी के नभमंडल को आलोकित किया गया। यह दिव्य नजारा श्रद्धा और सम्मान से सभी को अभिभूत कर गया। एक ओर शरद पूर्णिमा की चांदनी छिटकी हुई थी तो वहीं दूसरी ओर प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर शहीदों की स्मृति में आकाशदीप जगमगाने लगे। इन दीपों ने बांस की डलियों में चंद्रहार की तरह झिलमिलाते हुए आकाश को रोशन कर दिया। गंगोत्री सेवा समिति की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में पुलिस और पीएसी…

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असत्य पर सत्य की विजय: श्रीराम ने रावण का संहार किया, ऐतिहासिक रामलीला में उमड़ा सैलाब

नवीन प्रधान वाराणसी, शिवपुर: मंगलवार को शिवपुर स्थित पुरानीमिल, भरलाई में आयोजित रामलीला में रावण वध की लीला का भव्य मंचन किया गया। यह रामलीला विगत 125 वर्षों से इस स्थान पर आयोजित की जा रही है और इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। रामलीला के मंचन में दिखाया गया कि भगवान श्रीराम ने रावण के सिर को बार-बार काटा, लेकिन वह फिर से जीवित हो जाता। इस स्थिति को देखकर प्रभु श्रीराम चिंतित हो गए, तभी विभीषण ने उन्हें बताया कि रावण की नाभि में अमृत…

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रामनगर का भरत मिलाप: श्रीराम अयोध्या लौटे, चारों भाइयों का मिलन देख लीला प्रेमियों की आंखें नम

रामनगर, वाराणसी: श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटकर सकुशल अयोध्या लौट आए। भाइयों के बीच इस तरह के प्रेम की कल्पना कलयुग में संभव नहीं है। यदि ऐसा हो जाए तो रामराज की कल्पना की जा सकती है। नंदीग्राम में अपने पर्णकुटी में बैठे भरत सोचते रहते हैं कि राम कब अयोध्या लौटेंगे। एक दिन शेष बचा है। तभी उनकी दाहिनी आंख बार-बार फड़कने लगी। उसी समय उनके पास ब्राह्मण के वेश में हनुमान वहां पहुंचे। उन्होंने राम के सकुशल अयोध्या वापस लौटने का उनको समाचार सुनाया। तो उन्होंने उनका…

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सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम के बीच विसर्जन: गाजे-बाजे संग विसर्जित हुई मां दुर्गा की प्रतिमा

अभिषेक त्रिपाठी मिर्जामुराद, वाराणसी: गौर गांव (बंगलाचट्टी) स्थित शिव शक्ति युवा क्लब दुर्गा पूजा समिति और मिर्जामुराद (पुरानी बाजार) के नव बाल दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित मां दुर्गा की प्रतिमाओं का सोमवार को शम्मो माता मंदिर के पास नहर में विसर्जन संपन्न हुआ। पूजा पंडाल से लेकर शम्मो माता मंदिर तक, भक्तजन गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते और अबीर-गुलाल उड़ाते हुए पहुंचे। महिलाएं और पुरुष देवी गीतों की धुन पर थिरकते नजर आए, जबकि कई श्रद्धालुओं की आंखों में मां की विदाई के दौरान आंसू छलक पड़े। इस विसर्जन के…

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मांगा अखंड सौभाग्य का वरदान: सिंदूर लगाकर महिलाओं ने मां दुर्गा को किया विदा

शिवपुर, वाराणसी: श्री श्री दुर्गा पूजा समिति शिवपुर द्वारा मिनी स्टेडियम में आयोजित पूजा पंडाल में सोमवार को माता दुर्गा की विदाई का कार्यक्रम संपन्न हुआ। सुबह से ही सुहागिन महिलाएं पंडाल में जुटने लगीं। सुहाग के दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना लेकर महिलाओं ने माता को सिंदूर अर्पित किया और उनसे सौभाग्य का वरदान मांगा। महिलाओं ने सिंदूर से होली खेलते हुए माता को अगले वर्ष पुनः आने का वचन देकर विदा किया। वहां उपस्थित श्रद्धालु रीना श्रीवास्तव ने कहा, “मां दुर्गा को बेटी की तरह विदा किया…

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वाराणसी में 481वां भरत मिलाप उत्सव: श्रद्धा और आस्था का महामिलन, मेघा भगत और तुलसीदास के अनुष्ठान से हुई थी शुरुआत

वाराणसी: विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप का आयोजन वाराणसी के नाटी इमली मैदान में धूमधाम से हुआ। विभिन्न रास्तों से श्रद्धालु इस ऐतिहासिक स्थल पर पहुंच चुके थे। मैदान और आसपास के मकानों की छतें पहले से ही भर चुकी थीं, और सभी उस भावुक क्षण का इंतजार कर रहे थे जब राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का मिलन होगा। हर वर्ष होने वाला यह आयोजन धार्मिक महत्व से भरपूर है और काशीवासियों के लिए बेहद खास है। हालांकि, पुष्पक विमान का गेट खोलने के दौरान भगदड़ मच गई और भीड़…

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दशहरा 2024: नीलकंठ पक्षी देखना क्यों माना जाता है शुभ, अब यह पक्षी क्यों नहीं दिखते?

ओमप्रकाश चौधरी वाराणसी: दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी देखना भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, और युद्ध से पहले उन्होंने नीलकंठ पक्षी का दर्शन किया था, जिसे सकारात्मक संकेत के रूप में देखा गया। नीलकंठ को भगवान शिव का प्रतीक भी माना जाता है। इसे देखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आने की उम्मीद की जाती है। हालांकि, वर्तमान समय में नीलकंठ पक्षी बहुत कम दिखाई देते हैं। इसके पीछे प्रमुख…

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श्री काशी विश्वनाथ धाम: विजयादशमी पर शस्त्र पूजन, अखंडता, सुरक्षा और शांति के लिए प्रार्थना

वाराणसी: विजयादशमी के पावन अवसर पर शनिवार को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भव्य शस्त्र पूजन समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह का शास्त्रोक्त विधि से संचालन मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने किया। विजयादशमी को दशहरा के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध कर धर्म और न्याय की स्थापना की थी। शस्त्र पूजन के माध्यम से शस्त्रों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए उन्हें धर्म, सुरक्षा, और सद्भाव के लिए उपयोग…

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विजयदशमी पर हर साल रावण का पुतला जलाने की परंपरा: असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक

संतोष पांडेय वाराणसी: विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, भारत में असत्य पर सत्य की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन का सबसे प्रमुख और प्रमुख आकर्षण है रावण के विशालकाय पुतले का दहन, जो पूरे देश में उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल दशहरे के दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है, जो पौराणिक कथाओं के अनुसार बुराई और अहंकार के प्रतीक माने जाते हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश…

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