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रामनगर की रामलीला: रावण ने बजाया युद्ध का डंका, इंद्र ने श्रीराम के लिए रथ भेजा

रामनगर, वाराणसी: युद्ध में रावण अपनी लगातार पराजय को देखते हुए महल में यज्ञ करने लगा। तभी विभीषण ने राम को बताया कि वह यज्ञ कर रहा है। जिसके पूरा होने पर वह नहीं मरेगा। उनके आदेश पर बानर, भालू जाकर उसका यज्ञ विध्वंस कर दिए। जिसके बाद उसने युद्ध का डंका बजा दिया। इंद्र ने राम को रथ पर चढ़कर युद्ध करने के लिए रथ भेजा। राम अपने बाणों से उसकी माया को काट दिए। वे अपनी सेना को युद्ध करने से रोक दिए और कहने लगे कि तुम…

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कन्या और भैरव पूजन: बाबा कीनाराम स्थल क्रीं कुण्ड में श्रद्धा-भक्ति संग मनाई गई नवमी

वाराणसी: श्रद्धा, भक्ति, आस्था और विश्वास के साथ मनाया जाने वाला शारदीय नवरात्र का 9 दिनों का पर्व 11 अक्टूबर को ‘नवमी कन्या पूजन’ के साथ संपन्न हुआ। 9 दिनों तक देवी मां के अलग-अलग रूपों की आराधना के बाद पर्व के आखिरी दिन, जिसे नवमी कहा जाता है, धूमधाम से देवी मां की विदाई की जाती है। इस दिन छोटी-छोटी कन्याओं को देवी के अलग-अलग रूपों में श्रृंगार कर उन्हें पूजा जाता है, जिसे ‘नवमी कन्या पूजन’ कहते हैं। इसी कड़ी में रविन्द्रपुरी स्थित विश्वविख्यात अघोरपीठ, ‘बाबा कीनाराम स्थल…

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नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा: अड़हुल और गुलाब के फूलों से किया गया भव्य श्रृंगार

वाराणसी: शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री की दर्शन-पूजन की मान्यता है। वाराणसी में गोलघर स्थित पराड़कर भवन के पीछे सिद्धमाता गली में देवी सिद्धिदात्री का मंदिर है। मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है, जो सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी मानी जाती हैं। भोर से ही देवी के मंदिरों में दर्शन-पूजन करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। मां को भोर में पंचामृत स्नान के बाद अड़हुल और गुलाब के फूलों से भव्य श्रृंगार किया गया। मंगला आरती के बाद माता के मंदिर…

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43 साल पहले शुरू हुई थी मिनी स्टेडियम में दुर्गापूजा: 2023 में यहां की CM ने बधाई पत्र भेजा था

नवीन प्रधान शिवपुर, वाराणसी: मिनी स्टेडियम शिवपुर में होने वाली दुर्गा पूजा की शुरुआत आज से 43 वर्ष पूर्व पंचकोशी रोड, शिवपुर निवासी रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफीसर शंभूनाथ श्रीवास्तव ने किया था। उस वक्त वाराणसी में गिने-चुने जगहों पर ही दुर्गा पूजा पंडाल लगता था। शंभूनाथ श्रीवास्तव के पुत्र घनश्याम श्रीवास्तव ने बताया कि एक दिन वह और उनके मित्र पुरुषोत्तम सिंह (अजय ऑयल मिल) ने विचार किया कि शिवपुर में भी दुर्गा पूजा कराया जाना चाहिए, यह क्षेत्र बहुत बड़ा है लेकिन यहां पर दुर्गा पूजा नहीं होती है।…

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विजयदशमी: रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन होगा, BLW में 75 फीट ऊंचे रावण का दहन मुख्य आकर्षण

वाराणसी: विजयदशमी के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा, जो मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा। शहर में तीन प्रमुख स्थानों पर पुतला दहन के आयोजन की तैयारी की गई है, जहां हर साल की तरह हजारों लोग उमड़ेंगे। बरेका में इस वर्ष सबसे ऊंचे रावण का पुतला, 75 फीट ऊंचा बनाया गया है, जो लोगों के बीच सबसे बड़ा आकर्षण होगा। इसके अलावा, रामनगर की ऐतिहासिक रामलीला में 65 फीट ऊंचे रावण का पुतला जलाया जाएगा, जबकि…

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व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें: अगर इस बार इन गलतियों को आपने किया है तो अगली बार मत करिएगा

वाराणसी: व्रत का पालन करना केवल धार्मिक आस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हो सकता है। व्रत के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है ताकि व्रत का उद्देश्य सफलतापूर्वक पूरा हो सके और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। आइए जानते हैं व्रत के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 1. सही आहार का चयन व्रत के दौरान सही और संतुलित आहार का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। आमतौर पर फलाहार, जैसे कि फल, कुटु आटा, सिंघाड़ा, साबूदाना,…

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व्रत में फलाहार: मानसिक संतुलन भी जरूरी, सबसे शुद्ध फलाहारी कौन?

वाराणसी: व्रत रखने के दौरान फलाहार का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में व्रत का पालन करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन भी स्थापित होता है। इस दौरान फलाहार के माध्यम से उपवास के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। लेकिन सवाल उठता है कि व्रत में सबसे शुद्ध फलाहारी किसे कहा जाता है? 1. कुटु (राजगिरी) आटा व्रत के दौरान कुटु (राजगिरी) का आटा सबसे शुद्ध फलाहारी माना जाता है। यह आटा ऊर्जा का अच्छा स्रोत होता है…

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नवरात्रि में भगवती का प्रिय भोग: श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक, इन भोगों का विशेष महत्व

वाराणसी: नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की उपासना का विशेष अवसर है। इस दौरान भक्तजन अपनी श्रद्धा से भगवती को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित करते हैं। इन भोगों का विशेष महत्व है और इनमें से कुछ भोग देवी के प्रिय माने जाते हैं। आइए जानते हैं कि नवरात्रि में भगवती को कौन से भोग प्रिय हैं: 1. नवधान्य नवरात्रि में नवधान्य (नौ प्रकार के अनाज) का विशेष महत्व है। यह देवी के लिए एक शुभ भोग माना जाता है। इसमें गेहूं, चना, जौ, मक्का, बाजरा, मूंग, उड़द, चावल और…

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नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन: ध्यान देने योग्य बातें, इस तरह की गलती बिल्कुल ना करें

वाराणसी: नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की उपासना का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जहां न केवल देवी का स्वागत किया जाता है, बल्कि समाज में कन्या भ्रूण हत्या और महिलाओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने का संदेश भी दिया जाता है। कन्या पूजन के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है: 1. कन्याओं का चयन 2. साफ-सफाई का ध्यान 3. कन्याओं को आदर देना 4. अभिषेक और पूजा सामग्री 5. प्रसाद का वितरण 6. धार्मिक अनुष्ठान 7. सकारात्मक वातावरण…

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रामनगर की रामलीला: सब कुछ गंवाकर युद्ध के मैदान में आया रावण, इतनी बार मूर्छित हुआ

रामनगर, वाराणसी: युद्ध में अपना सब कुछ गंवाने के बाद बाद रावण के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। सो आना पड़ा उसे युद्ध मैदान में। रावण था तो प्रचंड योद्धा। आते ही उसने श्रीराम की सेना को विचलित कर दिया। रावण स्वयं युद्ध के लिए आता है और अपनी सेना से कहता है लड़ाई से जिसका मन हट गया हो वह अभी से भाग जाएं। लड़ाई के मैदान से भागने में भलाई नहीं है। मैंने अपनी भुजाओं के बल पर बैर को बढ़ाया है। इसका जवाब भी मैं स्वयं…

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