सत्या फाउंडेशन की जागरूकता मुहिम: विद्यार्थियों ने लिया पटाखों और डीजे के बहिष्कार का संकल्प
वाराणसी: पुआरी खुर्द- हरहुआ स्थित शर्मीला इंटरमीडिएट कॉलेज में मंगलवार को ‘सत्या फाउंडेशन’ की ओर से ध्वनि प्रदूषण के खतरों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर फाउंडेशन के संस्थापक सचिव चेतन उपाध्याय ने विद्यार्थियों को ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से अवगत कराते हुए कहा, “यदि पटाखों से चंदन, गुलाब या लोहवान की सुगंध निकलती तो इसे धार्मिक प्रतीक माना जा सकता था, मगर असल में पटाखों से निकलने वाली गैसें न केवल घातक हैं बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरनाक हैं।”
ध्वनि प्रदूषण का समाज पर बढ़ता असर
चेतन उपाध्याय ने यह भी बताया कि पटाखों और डीजे के कारण स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ कानून व्यवस्था पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। इस तेज शोर से केवल इंसान ही नहीं बल्कि गाय और अन्य दुधारू पशु भी प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा, “तेज आवाजों से पशुओं की दूध देने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है, जिससे किसानों और पशुपालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।”
विद्यार्थियों का संकल्प: पटाखों और डीजे का करेंगे बहिष्कार
इस जागरूकता अभियान के बाद सभी विद्यार्थियों ने शपथ ली कि वे दीपावली या किसी भी अन्य त्यौहार, शादी या उत्सव में पटाखों और डीजे का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इस कार्यक्रम में कॉलेज के प्रबंधक श्री रामानंद प्रजापति और सदानंद प्रजापति सहित शिक्षकगण भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस पहल की सराहना की और विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी।
बीरा पट्टी इंटरमीडिएट कॉलेज में भी हुआ जागरूकता अभियान
इसके तुरंत बाद बड़ागांव थाना अंतर्गत बीरा पट्टी इंटरमीडिएट कॉलेज में भी ध्वनि प्रदूषण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम की प्रेस विज्ञप्ति विद्यालय के लेटर हेड पर हस्तलिखित रूप में साझा की गई, जिसमें कार्यक्रम के उद्देश्य और विद्यार्थियों की प्रतिक्रियाएं विस्तार से दी गई हैं।