बाढ़ के बीच युवक की करंट लगने से मौत: गंगा-वरुणा का जलस्तर बढ़ रहा, कई इलाकों में तबाही
वाराणसी के सारनाथ स्थित पुराना पुल चौकी क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका के बीच एक दुखद घटना सामने आई है। राजू सोनकर (32), पुत्र स्वर्गीय भैया लाल सोनकर, की करंट लगने से मौत हो गई। राजू पैगंबरपुर में अपनी मौसी के घर परिवार के साथ रह रहा था, लेकिन बाढ़ के कारण वह परिवार समेत एक किराए के मकान में रहने को मजबूर हो गया था। शनिवार रात को राजू अपने डूबे हुए घर से कुछ जरूरी सामान निकालने के लिए तैरकर गया था, लेकिन दुर्भाग्यवश करंट लगने से उसकी मौत हो गई।
सोमवार सुबह जब उसका शव पानी में तैरता मिला, तो आस-पास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुराना पुल चौकी इंचार्ज जमुना प्रसाद तिवारी ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतक के परिवार में तीन बेटियां हैं, जो अब इस घटना के बाद अनाथ हो गई हैं।
गंगा-वरुणा में बाढ़ का विकराल रूप, सभी घाट जलमग्न
गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए चेतावनी बिंदु को पार कर चुका है, जिससे पूरे शहर में हड़कंप मचा हुआ है। रविवार दोपहर को गंगा का जलस्तर 70.28 मीटर था, जो चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से ऊपर था। शाम होते-होते जलस्तर 70.43 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से मात्र 83 सेंटीमीटर नीचे था। इसी के साथ ही बनारस के प्रमुख घाटों सहित अस्सी से लेकर राजघाट तक के सभी 80 घाट जलमग्न हो गए हैं। मणिकर्णिका घाट पर शवों का अंतिम संस्कार नावों के माध्यम से हो रहा है, और शवदाह स्थल तक शव पहुंचाने के लिए यात्रियों से 200-300 रुपये तक वसूले जा रहे हैं।
वरुणा नदी का पलटप्रवाह, कई बस्तियों में बाढ़ का कहर
गंगा में बढ़ते जलस्तर का प्रभाव वरुणा नदी पर भी देखा जा रहा है। वरुणा नदी का जलस्तर भी बढ़ते हुए कई बस्तियों में घुसने लगा है। रसूलगढ़, पुरानापुल, और भट्टा क्षेत्रों के घरों में पानी भर गया है, जिसके कारण वहां के निवासी सुरक्षित स्थानों की तलाश में जा रहे हैं। कुछ लोगों ने प्राइमरी स्कूलों में शरण ली है, जबकि अन्य लोग प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे हैं।
नगवा नाले से बढ़ती मुश्किलें, कॉलोनियों में सात फीट पानी
नगवा नाले का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण आसपास की कॉलोनियों में पानी घुसने लगा है। कुछ मकान पूरी तरह से डूब चुके हैं, और लोगों को घरों से बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा है। कई मकानों में सात फीट तक पानी भर चुका है, जिससे लोग अपने ही घरों में कैद हो गए हैं। फिलहाल बिजली की आपूर्ति जारी है, लेकिन जैसे-जैसे जलस्तर बढ़ रहा है, बिजली बंद होने की आशंका भी बनी हुई है। नगवां इलाके के सौ से अधिक मकान बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
चौबेपुर क्षेत्र में फसलें तबाह, लोग छतों पर लेने लगे शरण
बाढ़ का कहर चौबेपुर क्षेत्र में भी लगातार जारी है। यहां लगभग 700 एकड़ से अधिक फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। तटीय इलाकों के घरों में बाढ़ का पानी पहली मंजिल तक पहुंच गया है, जिसके कारण लोग अपने घरों की छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। जिला प्रशासन, जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, लेकिन हालात काबू में आते नहीं दिख रहे हैं।
ज्ञान प्रवाह नाले पर बना चैनल गेट में लीकेज, बढ़ी परेशानी
सीर गोवर्धनपुर वार्ड के पार्षद प्रतिनिधि राम सिंह यादव ने जानकारी दी कि ज्ञान प्रवाह नाले पर बने चैनल गेट में लकड़ी का बोता फंसने से रबड़ के ब्रैकेट में लीकेज हो गया है, जिसके कारण पानी का बहाव तेज हो गया है। स्थानीय लोगों ने इस समस्या की शिकायत सिंचाई विभाग के बंधी प्रखंड के अधिशासी अभियंता से की है। अभियंता ने अवर अभियंता और गोताखोरों को भेजकर लीकेज का समाधान करवाने का आश्वासन दिया है।
बाढ़ से बिगड़ते हालात पर प्रशासन सतर्क, राहत कार्य जारी
जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने बाढ़ से उत्पन्न स्थिति पर कड़ी नजर बनाई हुई है। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है। प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी शेल्टर की व्यवस्था की है, जहां उन्हें खाना और पानी मुहैया कराया जा रहा है।
निष्कर्ष
वाराणसी में गंगा और वरुणा नदियों के बढ़ते जलस्तर ने तबाही मचा दी है। बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि लोगों को राहत पहुंचाई जा सके। लेकिन बाढ़ की इस विकट स्थिति से उबरने में अभी समय लगेगा।