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नवरात्रि व्रत में दोपहर में सोना: सही जानकारी यहां है, जानिए उचित या अनुचित?

वाराणसी: नवरात्रि का समय भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसमें व्रत और पूजा-अर्चना के माध्यम से देवी दुर्गा की उपासना की जाती है। इस दौरान, व्रत रखने वाले लोग अपनी दिनचर्या को धार्मिक नियमों के अनुसार ढालने का प्रयास करते हैं। एक प्रमुख सवाल जो अकसर उठता है, वह यह है कि क्या व्रत के दौरान दोपहर में सोना उचित है या अनुचित? धार्मिक दृष्टिकोण धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के व्रत को शारीरिक और मानसिक शुद्धि का समय माना जाता है। व्रत के दौरान भक्तों से अपेक्षा…

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शारदीय नवरात्र 2024: माता को लगाएं मालपुआ का भोग, जानिए धार्मिक महत्व और मान्यता

वाराणसी: नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है, और हर दिन माता को विशेष भोग अर्पित किया जाता है। इनमें से एक प्रमुख भोग है मालपुआ, जिसे देवी को अर्पित करने की विशेष मान्यता है। मालपुआ का भोग लगाने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है, जो श्रद्धालुओं के लिए सुख-समृद्धि और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। मालपुआ भोग का महत्व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी दुर्गा को मीठा भोजन विशेष रूप से प्रिय है। मालपुआ, जो आटे, दूध, और चीनी से बना एक…

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शारदीय नवरात्र 2024: नया वाहन खरीदने के लिए शुभ समय, जानें खास महत्व

वाराणसी: शारदीय नवरात्र के पावन पर्व पर नए वाहन की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है। शारदीय नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा की आराधना और नई शुरुआत के लिए उत्तम होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान की गई हर नई पहल शुभ फल देती है। चाहे वह नया घर हो, व्यापार हो या फिर नया वाहन, नवरात्र के दिनों में इनकी खरीदारी से समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। नवरात्रि में वाहन खरीद का धार्मिक महत्व नवरात्रि के दिनों को विशेष रूप से देवी…

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8 अक्टूबर: भारत और विश्व के इतिहास में आज का दिन, इस दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं

8 अक्टूबर का दिन इतिहास के पन्नों में कई महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों, और प्रसिद्ध व्यक्तियों के जन्म के लिए जाना जाता है। यह दिन भारत में वायु सेना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। आइए, जानते हैं इस दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख घटनाएं और जन्मदिनों के बारे में। 8 अक्टूबर की प्रमुख घटनाएं 8 अक्टूबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्तित्व अन्य महत्वपूर्ण जन्म निष्कर्ष 8 अक्टूबर का दिन भारत के लिए खास महत्व रखता है, खासकर भारतीय वायु सेना की स्थापना के लिए। साथ ही, इस दिन कई…

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मिलेगा विशेष आशीर्वाद: नवरात्रि के छठवें दिन माता कात्यायनी को लगाएं शहद का भोग, जानिए महत्व

वाराणसी: नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन माता को शहद का भोग अर्पित करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। माता कात्यायनी का यह स्वरूप अत्यंत सौम्य और करुणामयी है, और उनकी पूजा से भक्तों के समस्त पापों का नाश होता है। शहद का भोग और इसका महत्व माता कात्यायनी को शहद अत्यंत प्रिय है। शहद अर्पित करने से जीवन में मिठास और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह भोग समर्पण…

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कालरात्रि माता: नवरात्रि के सातवें दिन देवी के भयंकर रूप की पूजा का महत्व, इस पुष्प को अर्पित करें

पंडित लोकनाथ शास्त्री वाराणसी: देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में से कालरात्रि माता का स्थान सातवां है, जिन्हें नवरात्र के सातवें दिन श्रद्धापूर्वक पूजा जाता है। कालरात्रि का यह नाम उनके भयंकर स्वरूप से उत्पन्न हुआ है, जिसमें उनका वर्ण काजल के समान काला है। पुराणों के अनुसार, शुंभ-निशुंभ और उसकी सेना को देखकर देवी के क्रोध में आने पर उनका श्यामल स्वरूप प्रकट हुआ, जिससे देवी कालरात्रि का उदय हुआ। माता कालरात्रि का स्वरूप और शक्ति पुराणों में देवी कालरात्रि को चार भुजाओं वाला बताया गया है। उनकी दाहिनी…

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रामनगर की रामलीला: श्रीराम ने जामवंत की सलाह पर युद्ध टालने अंगद को लंका भेजा, रावण का मानमर्दन

रामनगर, वाराणसी: रामजी की वानरी सेना कहने को वानरों की थी। इसमें एक से बढ़कर एक शूरवीर थे। हनुमान ने तो पहले ही अपनी वीरता से लंका के नाक में दम कर तिगनी का नाच नचा दिया था। आज जब अंगद की बारी आई तो उन्होंने तो रावण के हर छोटे बड़े शूरमा को लज्जित तो किया ही रावण का भी मानमर्दन कर दिया। रामलीला के इक्कीसवें दिन अंगद विस्तार की लीला हुई। जब समुद्र पार करके राम की सेना लंका में प्रवेश की तो जामवंत की सलाह पर युद्ध…

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रामनगर की रामलीला: वानरी सेना का लंका प्रस्थान, रावण ने विभीषण को राज्य से निकला

रामनगर, वाराणसी: प्रसिद्ध रामलीला के बीसवें दिन, भगवान श्रीराम की वानरी सेना ने लंका की ओर प्रस्थान किया। श्रीराम ने अपने प्रिय भक्त हनुमान से माता सीता का पता पाने के बाद वानरों और भालुओं से भरी सेना को लंका की ओर बढ़ने का आदेश दिया। यह अद्वितीय दृश्य उस आदर्श की पुनर्स्थापना करता है, जो सदियों से धर्मग्रंथों में लिखा गया है: सत्य की विजय और अधर्म का नाश अवश्य होता है। वानर सेना उत्साह और देवताओं की जयकार के साथ श्रीराम के नेतृत्व में लंका की ओर अग्रसर…

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शारदीय नवरात्रि 2024: घर में कलश स्थापना के बाद माता की आरती, कितनी बार और क्यों?

वाराणसी: शारदीय नवरात्रि का पर्व विशेष रूप से देवी दुर्गा की आराधना का समय होता है। इस अवसर पर घर में कलश की स्थापना करना और माता की आरती करना धार्मिक मान्यता और परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है। लेकिन घर में कलश स्थापना के बाद माता की आरती कितनी बार करनी चाहिए, यह जानना भी आवश्यक है। आरती का महत्व आरती करने की संख्या खुशहाली का संचार घर में कलश स्थापना के बाद माता की आरती नियमित रूप से की जानी चाहिए। यह न केवल माता के प्रति आस्था…

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शारदीय नवरात्रि 2024: माता को लगाइए दही और मीठे का भोग, जानिए महत्व

वाराणसी: नवरात्रि के पावन पर्व पर देवी दुर्गा की आराधना का विशेष महत्व है। इस दौरान भक्तजन अपनी श्रद्धा से माता को विभिन्न भोग अर्पित करते हैं, जिनमें दही और मीठे का भोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इन भोगों का चयन केवल स्वाद के लिए नहीं, बल्कि उनकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अर्थों के लिए भी किया जाता है। दही का महत्व मीठे का भोग धार्मिक आस्था नवरात्रि के दौरान माता को दही और मीठे का भोग अर्पित करना न केवल धार्मिक आस्था का प्रदर्शन है, बल्कि यह हमारे जीवन…

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